शहर की जनसख्याँ बीते पांच सालों में ज्यामितीय विधि से बढ़ी है....
3.
(1) व्युत्पत्ति के अनुसार अर्थात् संदर्श (perspective, जो ज्यामितीय विधि है) अथवा विश्लेषी (analytical) प्रक्षेप;
4.
शुल्बसूत्रों में ही समकोण त्रिभुज के निर्माण के लिये दिये त्रिवर्गों 3 2 +4 2 = 5 2, 12 2 +5 2 = 13 2, 8 2 +15 2 = 17 2 और 12 2 +35 2 = 37 2 को लेकर ही वह ज्यामितीय विधि विकसित हुई है जिसका प्रयोग आज भी भूमि पर समकोण त्रिभुज के निर्माण और उसकी परिशुद्धता की जाँच करने के लिये किया जाता है।